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Students move to the advanced level, which is equal to a bachelor’s or BA degree, if they have mastered all of the elementary and intermediate kathak information and performance skills.

Visharad Pratham 6th Year

  • DURATION

    1 Year

  • Classes/week

    3

About Course

Students move to the advanced level, which is equal to a bachelor’s or BA degree, if they have mastered all of the elementary and intermediate kathak information and performance skills. This level gives students the opportunity to play for over an hour in a concert­like atmosphere. It serves as a foundation for all of one’s real-life performances. All of the incarnations of the Hindu god Vishnu are taught to children in a well-curated manner, with unique emotions and moods.

Eligibility

  • Must be 15 years Old.
  • Must be clear 10th Class or above
  • Can understand as well as speak Hindi Language

Syllabus

Theory/शास्त्र
प्रथम प्रश्न-पत्र
  • 1. नाट्य की उत्पत्ति(भरतानुसार), नाट्य का प्रयोग तथा नाट्य का प्रयोजन।
  • 2. नवरसों की परिभाषा।
  • 3. नायक के चार भेंद-धीरोद्धत, धीरललित, धीरोदात्त, धीरप्रशांत।
  • 4. चार प्रकार की नायिका और उनकी परिभाषा, अभिसारिका, खण्डिता, विप्रलब्धा तथा प्रोषितपतिका।
  • 5. दशावतार में से मत्स्य, वराह, कूर्म तथा नरसिंह अवतार की कथा तथा उनकी मुद्राएं।
  • 6. ताल के दस प्राणों की व्याख्या।
  • 7. भरतनाट्यम, मणिपुरी तथा कथकली नृत्य की जानकारी। इनकी वेशभूषा तथा वाद्यो का ज्ञान।
  • 8. तीनताल, झपताल, धमार में आमद, बेदम तिहाई, फरमाइशी परन तथा चक्कदार परन, तिपल्ली तथा कवित्त को लिपिबद्ध करना।
  • 9.
    • (अ) गुरु शिष्य परम्परा का महत्व।
    • (ब) शिष्य के गुण तथा गुरु के प्रति उसके कर्तव्य।
द्वितीय प्रश्न-पत्र
  • 1. रस की निष्पत्ति, स्थाई भाव, भाव,विभाव, अनुभाव, व्यभिचारी भाव आदि की परिभाषा।
  • 2. निम्नलिखित पारिभाषिक शब्दों का ज्ञान- तिपल्ली, कवित्त, फरमाइशी परने, कमाली परन, बेदम तिहाई, त्रिभंग, सुढंग, लाग- डाँट, अनुलोम, प्रतिलोम, भ्रमरी, न्यास- विन्यास।
  • 3. कथक नृत्य में प्रयुक्त होने वाले निम्नलिखित गीत प्रकारों की व्याख्या: अष्टपदी, ध्रुपद, ठुमरी, चतुरंग, त्रिवट, तराना, चैती, कजरी, होरी।
  • 4. कथक नृत्य में नवाब वाजिद अली शाह तथा रायगढ़ के महाराज चक्रधर सिंह का योगदान।
  • 5. रासताल13, धमार14, गजझम्पा15, पंचम सवारी 15 में आमद, तिहाई, तोड़ा, चक्कदार परन तथा कवित्त आदि को लिपिबद्ध करना।
  • 6. जीवनियाँ:- नटराज गोपीकृष्ण, कथक साम्राज्ञी सितारा देवी, पंडित दुर्गालाल व गुरु कुन्दनलाल गंगानी।
  • 7. निबन्ध ज्ञान:
    • (1) राम तथा कथक,
    • (2) ठुमरी का कथक नृत्य सें सम्बन्ध।
  • 8. नर्तक/नर्तकी के गुण और दोष।
Practical/क्रियात्मक
  • 1. सरस्वती वंदना।
  • 2. तीनताल के अतिरिक्त झपताल में विशेष तैयारी।
  • 3. गजझम्पा या छोटी सवारी (पंचम सवारी) तथा रास और धमार में ठेके की ठाह,दुगुन, ठाठ, आमद, दो तोड़े, एक परन तथा एक कवित्त का प्रदर्शन।
  • 4. गतनिकास आंचल, नाव , घूघँट के प्रकार। गतभाव: पिछले वर्षों के सभी गतभावों का प्रदर्शन तथा द्रौपदी चीरहरण।
  • 5. ठुमरी भाव( शब्द, राग, ताल की जानकारी आवश्यक)।
  • 6. एक तराना या त्रिवट किसी ताल में।
  • 7. हाथ से ताली लगाकर सभी बोलों की पढन्त।
  • 8. अभिसारिका, खण्डिता, विप्रलब्धा तथा प्रोषितपतिका नायिका पर गतभाव या इनसे संबंधित पद या ठुमरी पर भाव नृत्य।
  • 9. तीनताल या झपताल की ततकार में लड़ी या चलन।
  • 10. अभिनय दर्पण का श्लोक “आंगिक भुवन यस्य”।
  • 11. पिछले संत कवियों को छोड़कर अन्य किन्हीं दो संत कवियों के कविता या भजन पर भाव दिखाना तथा दोनों संत कवियों का परिचय देना।

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